शनिवार, 14 जून 2008

स्तनपान पर रोक


सर्वविदित है कि माता का दूध बच्चे के लिए सर्वेत्तम आहार है, लेकिन फिर भी कभी-कभार कुछ कारणों से माता का दूध भी दूषित हो जाता है। माता का दूषित दूध बच्चे को पिलाया जाए, तो बच्चा बीमार हो जाता है। अग्रांकित लक्षणों के समक्ष आने पर समझ लेना चाहिए कि दूध दूषित है-
(1) बच्चे को पतले दस्त आना।
(2) प्यास अधिक लगना।
(3) बहुत ज्यादा पसीना आना।
(4) मल, मूत्र व श्वाँस का रुकना
(5) मुँह से लार आना।
(6) बार-बार उल्टी करना।
(7) बच्चे की आवाज बैठ जाना।
(8) शरीर का दुबला-पतला हो जाना।
(9) पेट में दर्द होना।
(10) पेट फूलना।
(11) यदि मता को कोई ऐसा भयंकर रोग हो, जिस कारण वह दिन-प्रतिदिन कमजोर होती जा रही हो।
(12) यदि माता मस्तिक रोग से ग्रसित हो।
(13) यद्पति आमतौर पर सेवन की जाने वाली दवाएँ दूध में भी पहुँच जाती हैं, तथापि उनकी मात्रा इतनी कम होती है कि बच्चे का अहित नहीं होता, लेकिन फइर भी यदि माँ कोई दवा ले रही हो तो स्तनपान से पूर्व शिशु रोग विशेषज्ञों से सलाह ले लेनी चाहिए। खासकर माता को अगर रेडियों ऐक्टिव कंपाउंड, लीथियम तथा एंटी मेटाबोलाइट औषधियाँ दी गी हों, तो स्तनपान नहीं कराना चाहिए।
(14) इस स्थितियों में बच्चे को माता का दूध नहीं पिलाना चाहिए और दूध शुद्ध करने के उपाय करने चाहिए।

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